Sunday, April 2, 2017

अच्छे बच्चे


   
 

अच्छे बच्चे बनकर तुम सब पढना लिखना सीख लो
राह सत्य की अपनाकर तुम आगे बढना सीख लो ॥ धृ ॥

        प्रखर धूप से इस जीवन में छाँव के दिन भी आते हैं
        दर्द के रिश्ते भी यहाँ मरहम फिर बन जाते हैं
        रिश्ते नातों का सम्मान तुम भी करना सीख लो
        राह सत्यकी ॥

       चाहे कितनी भी मुश्किलें हो मंज़िल को तो पाना है
       काँटोपर चलना पडे तो बने फूल मुस्काना है
       जीने की इस राह पर तुम खुशी बाँटना सीख लो
       राह सत्यकी ॥

       इस जिंदगी के मेले मे सबको इक दिन खोना है
       खोके हमको कुछ है पाना गिरके फिर संभलना है
       भेद भाव को दूर करो सबको अपनाना सीख लो
       राह सत्यकी  ॥ ३
                       
                                गीत :- एकनाथ आव्हाड
                              संगीत :- श्रीम. सोनल गणवीर       



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Sunday, April 2, 2017

अच्छे बच्चे


   
 

अच्छे बच्चे बनकर तुम सब पढना लिखना सीख लो
राह सत्य की अपनाकर तुम आगे बढना सीख लो ॥ धृ ॥

        प्रखर धूप से इस जीवन में छाँव के दिन भी आते हैं
        दर्द के रिश्ते भी यहाँ मरहम फिर बन जाते हैं
        रिश्ते नातों का सम्मान तुम भी करना सीख लो
        राह सत्यकी ॥

       चाहे कितनी भी मुश्किलें हो मंज़िल को तो पाना है
       काँटोपर चलना पडे तो बने फूल मुस्काना है
       जीने की इस राह पर तुम खुशी बाँटना सीख लो
       राह सत्यकी ॥

       इस जिंदगी के मेले मे सबको इक दिन खोना है
       खोके हमको कुछ है पाना गिरके फिर संभलना है
       भेद भाव को दूर करो सबको अपनाना सीख लो
       राह सत्यकी  ॥ ३
                       
                                गीत :- एकनाथ आव्हाड
                              संगीत :- श्रीम. सोनल गणवीर       



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